ये तीन बाणों का धारी,
केशव का है अवतारी,
सारी दुनिया जाने है,
मेरे श्याम की लखदातारी,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है।।
तर्ज – सूरज कब दूर गगन से।
जो हार गया दुनिया से,
वो इसकी शरण में आता,
हारी हुई हर बाजी,
केवल मेरा श्याम जिताता,
हारो का श्याम सहारा,
कहता है जग ये सारा,
अपने भक्तो की भक्ति,
के प्रेम में खुद भी हारा,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है।।
मेरे श्याम चरण में अपना,
जो भी जीवन कर देता,
उसका तो सब संकट,
मेरा श्याम धणी हर लेता,
संकट को हरने वाला,
भक्तो का है रखवाला,
सेठों का सेठ निराला,
मेरा श्याम है खाटू वाला,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है।।
खाटू की धरती पर है,
मेरे श्याम का भवन निराला,
भक्तो पर प्यार लुटाता ये,
मोरवी नन्दन लाला,
खाटू की पावन धरती,
तक़दीर जहाँ पर खुलती,
कलयुग में केवल ‘शर्मा’,
मेरे सांवरिया की चलती,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है।।
ये तीन बाणों का धारी,
केशव का है अवतारी,
सारी दुनिया जाने है,
मेरे श्याम की लखदातारी,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है,
मेरा बाबा तो सबका प्यारा है,
हारो का सहारा है।।
Singer : Sanjay Gulati