मेरे हर गलती पे,
बाबोसा पर्दा तू डालके,
माफ कर रहा है हर खता,
जानती हूँ तुमसे बाबा,
कुछ भी न छिपा है,
सब कुछ तुमको है पता,
ये तेरी मेहरबानियां,
संवर गई जिन्दगानियाँ,
संवर गई जिन्दगानियाँ,
ये तेरी महरबानियाँ,
मेरे बाबा मुझको तू बता,
तेरा मेरा क्या है रिश्ता।।
तर्ज – देखने को मुझको।
ज़िंदगी की राहो में,
जब मेने खाई ठोकर,
तब मेरे साथ तू ही खड़ा,
जब जब गमो ने मुझपर,
डाला है घेरा,
तूने सर पे हाथ था धरा,
मिली है इज्जत तुमसे,
मिली है शौहरत तुमसे,
बाबोसा क्या मैं मांगू,
न कोई चाहत तुमसे,
बिन मांगे सब कुछ दिया,
हाय करती हूँ तेरा शुक्रिया।।
हक में जो न था मेरे,
वो भी मुझको मिला,
तूने ही दी है ये खुशियां,
खाक से उठाकर मुझको,
बिठाया फलक पर,
रोशन हुई ये दुनिया,
दिल का नाता है ‘दिलबर’,
ओ मेरे प्यारे प्रभुवर,
छोड़ू न अब तेरा दर,
ओ मेरे प्यारे प्रभुवर,
‘मीनाक्षी’ ने आज कह दिया,
जीवन तेरे नाम कर दिया।।
मेरे हर गलती पे,
बाबोसा पर्दा तू डालके,
माफ कर रहा है हर खता,
जानती हूँ तुमसे बाबा,
कुछ भी न छिपा है,
सब कुछ तुमको है पता,
ये तेरी मेहरबानियां,
संवर गई जिन्दगानियाँ,
संवर गई जिन्दगानियाँ,
ये तेरी महरबानियाँ,
मेरे बाबा मुझको तू बता,
तेरा मेरा क्या है रिश्ता।।
गायिका – मीनाक्षी जैन।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन, म.प्र. 9907023365