ये है राम की धरती,
यहाँ पे रावण,
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती,
जय जय जय सियाराम,
जय जय जय सियाराम।।
बजरंगबली के नारे से,
दुश्मन के जिगर हिल जाते है,
दुश्मन के जिगर हिल जाते है,
जो मन से इनका जाप करे,
श्री राम उन्हें मिल जाते है,
श्री राम उन्हें मिल जाते है,
रावण का हर एक योद्धा इनसे,
लड़ने से कतराया था,
औरो की क्या बात कहे,
खुद मेघनाथ घबराया था,
यें हैं राम की धरती,
यें हैं राम की धरती,
यहाँ पे रावण,
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती।।
वीरो के वीर बजरंगबली,
श्री राम के आज्ञाकारी है,
श्री राम के आज्ञाकारी है,
संकटमोचन है दुष्टदलन,
कपी शंकर के अवतारी है,
कपी शंकर के अवतारी है,
सिता की खबर लाने खातिर,
तुम सात समंदर पार गए,
लंका में आग लगाके हनुमत,
अक्षय का संहार किए,
यें हैं राम की धरती,
यें हैं राम की धरती,
यहाँ पे रावण,
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती।।
श्री राम भक्त बजरंगबली की,
महिमा सबसे न्यारी है,
महिमा सबसे न्यारी है,
चारों युग में है अजर अमर,
सब भक्तो के हितकारी है,
सब भक्तो के हितकारी है,
लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा,
श्री राम बहुत घबराए थे,
हनुमत ने पल ना देर करी,
संजीवन पर्वत लाए थे,
यें हैं राम की धरती,
यें हैं राम की धरती,
यहाँ पे रावण,
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती।।
ये है राम की धरती,
यहाँ पे रावण,
चले ना तेरी शक्ति,
यें हैं राम की धरती,
जय जय जय सियाराम,
जय जय जय सियाराम।।
स्वर – पन्ना गिल।