यो पांडव कुल अवतार,
बड़ो अलबेलो है,
करले करूण पुकार,
सौंप दे नैया की पतवार,
बड़ो अलबेलो है,
यो पाँडव कुल अवतार,
बड़ो अलबेलो है।।
घूंघर वाला बाल श्याम का,
मोर मुकुट मनहारी,
शरणागत की रक्षा करता,
श्याम ध्वजा बणधारी,
मेलो लागे चार श्याम को,
है मोटो दरबार,
बड़ो अलबेलो है,
यो पाँडव कुल अवतार,
बड़ो अलबेलो है।।
मोटा मोटा नैण श्याम का,
ज्यूँ अमृत का प्याला,
दिल का दरिया ये मनगरिया,
मंगल करने वाला रे,
राखे नहीं उधार मेरो यो,
साँवलियो सरकार,
बड़ो अलबेलो है,
यो पाँडव कुल अवतार,
बड़ो अलबेलो है।।
‘श्याम बहादुर’ सरस सलोणो,
शिव रसियो सेलानी,
तुरता फुरति काम पटावे,
ऐकी बाण पुराणी रे,
खूब सजयो श्रृंगार तेरो यो,
नैया का खेवन हार,
बड़ो अलबेलो है,
यो पाँडव कुल अवतार,
बड़ो अलबेलो है।।
यो पांडव कुल अवतार,
बड़ो अलबेलो है,
करले करूण पुकार,
सोप दे नैया की पतवार,
बड़ो अलबेलो है,
यो पाँडव कुल अवतार,
बड़ो अलबेलो है।।
स्वर – विकाश रुईया।