ज़माने की खाई है ठोकर हज़ार,
सहारा तेरा सांवरे,
हारा हुआ हूँ आया तेरे द्वार,
सहारा तेरा सांवरे।।
तर्ज – ज़माने के देखे है रंग।
दुनिया ने मारा है हमको ताना,
दर पे खड़ा है तेरा दीवाना,
है तेरे भरोसे मेरा कारोबार,
सहारा तेरा सांवरे।।
तुमको ही पूजा तुमको ही चाहा,
तुमको ही जाना तुमको ही माना,
कि मेरी भी नैया को करदो ना पार,
सहारा तेरा सांवरे।।
ज़माने की खाई है ठोकर हज़ार,
सहारा तेरा सांवरे,
हारा हुआ हूँ आया तेरे द्वार,
सहारा तेरा सांवरे।।
Singer: & Writer – Dr. Amar Laddha