जिंदगी हमने तुम्हारे,
नाम पे लिख दी,
इसको कैसे है सजाना,
ये तेरी मर्जी।bd।
रिश्ते नाते परख लिए सब,
झूठे ये बंधन है,
हँसते हुए चेहरों के पीछे,
जहरीले खंजर है,
जो भी हमने देखा समझा,
बातें वो कह दी,
इसको कैसे है सजाना,
ये तेरी मर्जी।bd।
जीवन नैया डगमग हो तो,
कैसे हम मुस्काएं,
घुट घुट कर जीने से बेहतर,
ये सांसे रुक जाए,
जग के पालनहार सुनो ना,
ये मेरी विनती,
इसको कैसे है सजाना,
ये तेरी मर्जी।bd।
तेरे दर पर आया मालिक,
देना मुझको सहारा,
जनम जनम भूलूंगा ना मैं,
ये अहसान तुम्हारा,
कुछ भी हो मंजूर करो ना,
ये मेरी अर्जी,
इसको कैसे है सजाना,
ये तेरी मर्जी।bd।
जिंदगी हमने तुम्हारे,
नाम पे लिख दी,
इसको कैसे है सजाना,
ये तेरी मर्जी।bd।
Singer – Nikhil Sahu