जिंदगी सुधार बंदा,
यही तेरो काम है।।
मानुष की देह पाई,
हरि से ना प्रीत लाई,
विषयों के जाल माही,
तू फसियो निकाम है,
जिन्दगी सुधार बन्दे,
यही तेरो काम है।।
अंजलि को नीर जैसे,
जावत शरीर तैसे,
धरे अब धीर कैसे,
बीतत तमाम है,
जिन्दगी सुधार बन्दे,
यही तेरो काम है।।
भाई बंधु मीत नारी,
कोई ना सहायकारी,
काल यम पाश धारी,
सिर पे मुकाम है,
जिन्दगी सुधार बन्दे,
यही तेरो काम है।।
गुरु की शरण जावो,
प्रभु का स्वरुप ध्यावो,
‘ब्रम्हानंद’ मोक्ष पावो,
सब सुखधाम है,
जिन्दगी सुधार बन्दे,
यही तेरो काम है।।
जिंदगी सुधार बंदा,
यही तेरो काम है।।
Singer – Kabir Rajasthani